union budget 2024 live:
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नई दिल्ली, 29 जून 2024 – भारत में एक बार फिर NDA सरकार ने सत्ता संभाली है और जुलाई में बजट 2024 पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को तैयार करने में जुटी हैं, और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बजट में टैक्स छूट को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकती हैं।
नए टैक्स सिस्टम में छूट की सीमा बढ़ेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि नए टैक्स सिस्टम में छूट की सीमा को बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में इस सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने पर विचार हो रहा है। अगर ऐसा होता है, तो यह मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत हो सकती है। इसके साथ ही, पुराने टैक्स सिस्टम में भी स्लैब दरों में बदलाव की संभावना है।
धारा 80C में हो सकता है बदलाव
इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को अधिक निवेश करने की प्रेरणा मिलेगी, जो अंततः अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक होगा। हालांकि, इस बारे में पुख्ता जानकारी बजट पेश होने के बाद ही मिलेगी।
Union Budget 2024 Live – टैक्स छूट का उद्देश्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का उद्देश्य टैक्स छूट के माध्यम से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के हाथ में अधिक पैसा छोड़ना है, ताकि वे अधिक खर्च कर सकें और अर्थव्यवस्था में खपत बढ़े। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम आर्थिक विकास को तेज करने में सहायक होगा।
नए टैक्स सिस्टम के लाभ
रिपोर्ट के अनुसार, यह छूट केवल नए टैक्स सिस्टम के तहत रिटर्न फाइल करने वालों को मिलेगी। इसका मुख्य उद्देश्य कम आय वाले लोगों के लिए अधिक बचत को सुनिश्चित करना है। केंद्रीय बजट 2023 में नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट सिस्टम बना दिया गया था, जिसे बजट 2020 में पेश किया गया था।
आरएसएस और संबद्ध संगठनों के बजट 2024-25 के लिए सुझाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आवंटन बढ़ाने, मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कमी, और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में सुधार शामिल हैं। संगठनों ने यह भी अनुरोध किया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के कारण नौकरी गंवाने वालों को अधिक हुनरमंद बनाने के लिए रोबोट कर का प्रावधान किया जाए।
स्वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन ने 19 जून को अन्य अर्थशास्त्रियों के साथ वित्त मंत्री से मुलाकात की। महाजन ने प्रोत्साहन संबद्ध योजना (पीएलआई) की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिससे देश में रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी रक्षा गलियारों में एमएसएमई क्षेत्र के लिए भी स्थान होना चाहिए, जिससे रोजगार सृजन में वृद्धि हो सके।
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, लघु उद्योग भारती, और स्वदेशी जागरण मंच के प्रतिनिधियों ने पिछले दो हफ्तों में वित्त मंत्री को अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं। वित्त मंत्रालय बजट की तैयारी के दौरान विभिन्न क्षेत्रों और संगठनों के साथ चर्चा कर रहा है।
टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव
मोदी सरकार 3.0 ने उद्योग जगत की मांग पर गौर करते हुए नई टैक्स व्यवस्था में उच्चतम व्यक्तिगत आयकर स्लैब दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने पर विचार शुरू कर दिया है। हालांकि, सरकार का मुख्य फोकस निम्न आय वर्ग के लोगों की खर्च क्षमता बढ़ाने पर है, इसलिए उच्च आयकर स्लैब में कोई बड़ा बदलाव देखने की संभावना कम है।
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पुरानी टैक्स व्यवस्था में संभावित सुधार
पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत भी कुछ सुधार हो सकते हैं। धारा 80C के तहत छूट सीमा को बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिल सकेगी और वे अधिक निवेश कर सकेंगे।
बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टैक्स छूट और स्लैब में महत्वपूर्ण बदलावों की संभावना है। यह कदम निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को राहत देने और खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा सकता है। हालांकि, इन सभी संभावनाओं की पुष्टि बजट पेश होने के बाद ही होगी।
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